हरदा 07 मार्च 2018 मध्यप्रदेश/ कचनार जिला हरदा मे स्थित है, जहां मेघनाद बाबा का मेला जारी है। होली के चार दिन बाद खंडेरा बाबा के गल घूमने के साथ ही मेले की शुरुआत हुई। यह मेला हरदा जिला का पुरातन काल से लगने वाला ऐतिहासिक मेला है।
जहां देश भर में होलिका दहन के बाद धुरेंडी खेली जाती है वहीं कचनार नगर में रंग पंचमी तक धुरेंडी तथा रंग गुलाल नही खेल जाता। होलिका दहन के चौथेवें दिन लगने वाले मेले समाप्त हो जाने के बाद राख से तिलक लगाकर रंग खेली जाती है। इस मेले में कचनार गाॅव के अलावा पातरी, गोहटी, झिरना, लोधीढाना, रबांग आसपास के कई जनसंख्या मे आदिवासी लोग आते हैं। कहा जाता है कि रावण पुत्र मेघनाद की आराध्य देवी मां निकुम्बला आदिवासियों की भी आराध्य देवी है। पुरातन काल से ऐसी मान्यता है कि यहां स्थापित खंडेरा बाबा जिसमे स्वयं रावण पुत्र मेघनाथ का वास होता है।
इस मेले मे उपस्थिति गोंड़वाना छात्र संघ के युवा नेता राज रावण परते ने कहा की रावण, मेघनाद गोंड आदिवासियों के पेन है इसका बोध होना चाहिये।
गोंडवाना संस्कृति विश्व संस्कृति की जननी है इस पर शोध होना चाहिए।
और गाॅव के समिति से प्रेमसिंह धुर्वे, फूलचंद कुमरे, प्रकाश परते, नंदूसिंह, रेवाशंकर, सुनिताबाई, जयवंतीबाई तथा समस्त समिति के सदस्य मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
गोंड़वाना छात्र संघ से राजा उइके, तुषार कवडे, विनोद धुर्वे, श्याम धुर्वे, सरिता तेकाम एवं समस्त छात्रसंघ उपस्थित रहें।
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Jay sewa sagajano
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