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Report By- GCGNEWS
गौरेला पेंड्रा मरवाही- देश की राजनीति में उभर कर सामने आई, भारतीय ट्रायबल पार्टी छत्तीसगढ़ राज्य में जिनका भले ही कोई विधायक न हो, पर सामान्य तौर पर प्रदेश के भीतर पार्टी संगठन अब धीरे धीरे जोर पकड़ने लगी है। जानकारी की मानें तो विगत विधानसभा चुनावों में प्रदेश के भीतर तकरीबन दर्जनों सीटों पर अपना प्रत्याशी खड़ाकर चुकें है। इन दिनों मरवाही उपचुनाव में पार्टी की ओर से पेंड्रा निवासी बीरसिंह नागेश को भारतीय ट्रायबल पार्टी की ओर से मरवाही उपचुनाव में खड़ा किया गया है।जानकारी की अनुसार आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मरवाही में जिनका आदिवासी समाज मे गहरी पैठ है। गोंड़वाना छत्तीसगढ़ न्यूज को एक अनौपचारिक चर्चा के दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बी एस रावटे ने बताया कि हमारी पार्टी प्रदेश के भीतर आदिवासियों के हितों को लेकर पूर्ण रूप से मुखर हैं। हम चाहते हैं कि प्रदेश में पांचवी और छठवी अनुसूची लागू हो।तथा पेशा कानून जैसे मुद्दों पर सरकार असंवेदनशील है।हम चाहते हैं कि यह तत्काल लागू हो, जैसे मुद्दा हमारे पार्टी के लिये एक अहम मुद्दा है। जिसे आज तक सरकार के भीतर बने आदिवासी प्रतिनिधियों ने आवाज नहीं उठाया, न ही सदन में इस बात की गंभीरता को समझा। वहीं उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 15 लाख आदिवासियों के पट्टे की निरस्तीकरण जो एक गंभीर मुद्दा है।जिसकी बहाली को लेकर आज तक कोई पार्टी की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। आज आदिवासियों की जल, जंगल और जमीन को लेकर कई राजनीतिक संगठनों ने इस दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठा पाया है।हमारी पार्टी आदिवासियों के हितों और अधिकार की संरक्षण के लिए कटिबद्ध है। और आदिवासी, किसानों मजदूरों व महिलाओं के हितों की रक्षा तथा उनके आर्थिक स्वावलंबन के लिये हमारी पार्टी संघर्ष कर रही है।इसी लक्ष्य को लेकर हमे भरोसा है कि छत्तीसगढ़ राज्य स्थित मरवाही के इस उपचुनाव में निश्चित तौर पर अपने चुनावी जनाधार को मजबूत करेंगें। तथा आगे सफलता के शिखर तक जरूर पहुंचेंगे। इतना तो तय है कि जनमत की आवाज को लेकर इस उपचुनाव में इस पार्टी के प्रत्याशी बीरसिंह नागेश जो समाजसेवी के रूप में भैना समाज के अतिरिक्त अन्य आदिवासी समाज के भीतर जिनका गहरी पैठ है।जो शासकीय सेवा को छोड़कर राजनीति के क्षेत्र भारतीय ट्रायबल पार्टी की ओर से प्रत्याशी के रूप मे चुनाव मैदान में हैं। भारतीय ट्रायबल पार्टी के इस चुनाव मैदान में होने आदिवासी समुदाय में एक नई आस जगी है।