Sunday, August 1, 2021 - 08:37

लखनपुर :-
लखनपुर विकासखंड के ग्राम तिरकेला में 26 अक्टूबर को आदिवासी जन जागृति सम्मेलन, छत्तीसगढ़ आदिवासी विकास परिषद, सर्व आदिवासी समाज ,अखिल भारतीय एकता परिषद के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि भानु प्रताप सिंह मरकाम संभागीय अध्यक्ष छत्तीसगढ़ आदिवासी विकास परिषद, संवाद कार्यक्रम के अध्यक्ष अनूप टोप्पो जिला अध्यक्ष एवं आदिवासी समाज सरगुजा विशिष्ट अतिथि विशिष्ट अतिथि भारतीय राष्ट्रीय एकता परिषद के ग्रामीण अध्यक्ष आसाराम तिर्की आशा एनजीओ के देवनिस खाखा रहे। कार्यक्रम के प्रारंभ में सोमार साय बरवा विकासखंड अध्यक्ष लखनपुर आदिवासी समाज द्वारा आदिवासी समाज के सम्मेलन में कार्यक्रम की रूपरेखा को विस्तार से बताया। आई कुजूर ने पांचवी अनुसूची के बारे में विस्तार से चर्चा किया कुजूर ने कहा कि समाज को क्या अधिकार प्राप्त है संविधान के अधिकारों के बारे में विस्तार से चर्चा किया ।कुजूर ने कहा कि समाज मैं मैं अशिक्षा और एकता की कमी के कारण सभी जगह ठगे जाते हैं देवनीस खलखो ने कहा कि समाज इस समय अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है सरगुजा क्षेत्र में विस्थापन का दंश हमें परेशान कर रहा है कभी खदान के विस्थापन तो कभी हाथी से विस्थापन से आदिवासी परेशान हैं हमें एकजुट रहकर इन समस्याओं को समझ कर आगे की रणनीति तय करनी पड़ेगी ।अनूप ने कहा कि आदिवासी प्रकृति पूजा है वह अपने समाज में अपने संस्कृति विरासत को एकजुट करने रखने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है हाथियों द्वारा पहुंचाए गए नुकसान के संबंध में कहा कि क्षेत्रवासी हाथियों के आतंक से परेशान हैं लेमरू हाथी अभ्यारण के बारे में कहा कि यह शासन द्वारा प्रस्तावित अभ्यारण है इसमें 140 गांव के आदिवासी प्रभावित होंगे जिसमें अधिकांश का आदिवासी परिवार हैं इसके संबंध में अपनी बात राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मिलकर समाज प्रमुख रखेंगे ।भानु प्रताप सिंह मरकाम ने कहा कि समाज को शिक्षित कर एकजुट किया जा सकता है हम वनवासी नहीं भारत के मूल निवासी हैं या जल जंगल और जमीन हमारा आजीविका के साधन है वह आदिवासियों का था उसे प्राप्त करें क्योंकि धरती का सारा ऐश्वर्य आदिवासियों का इंतजार कर रहा है कार्यक्रम को बिहारीलाल तिर्की ने संबोधित किया कार्यक्रम का समापन में संयोजक निर्मल शाह ने कहा कि हमारे संस्कृति व सामाजिक विरासत को बचाने हमारा प्रयास ही सफल बनाएगा। इस कार्यक्रम में सोमार साय, अजय भगत,बी आर तिर्की, विजय टोप्पो का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में रायगढ़ ,सरगुजा, कोरबा जिले के मूल निवासी महिला पुरुष उपस्थित रहे।

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